Development is an Art
तुफानी समंदर मे इक कश्ती हुई रवांचराग साहिल के जब बुझा रही थी हवाँहम सब तो सोये थे आखें उसकी थी जवांजब किनारे पे सब थे इक जिसके सिवाँ
Post a Comment
No comments:
Post a Comment